प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जीवट वाले व्यक्ति ने आज जिस अंदाज़ में सार्वजनिक मंच से कहा है कि "ये लोग मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे..."*
*इससे यह स्पष्ट हो गया है कि स्थिति बहुत भयंकर और असहनीय रूप ले चुकी है.....*
*एक अकेला व्यक्ति 125 करोड़ हिंदुस्तानियों के हिस्से का ज़हर "नीलकण्ठ" महादेव बनकर पी रहा है.*
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*एक अकेला व्यक्ति देश के अंदर मौजूद सारे राक्षसों के साथ-साथ अनगिनत विदेशी दुश्मनों (पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान की सेना, आईएस आई, दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, चीन) के निशाने पर है......*
*क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी अकेले आदमी ने इतने सारे दुश्मनों की एक साथ नींद हराम कर दी है...*
*ये अच्छाई और बुराई का महासंग्राम है, हमको तैयार रहना है और मोदी जी का साथ देना है, क्योंकि अगर इन सभी राक्षसों ने मोदीजी को अगर अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया तो फिर सदियों तक कोई दूसरा मोदी पैदा नहीं होगा.. नकली नोटो से थी भारत की अर्थ व्यवस्था को दहलाने की साजिश, रूपये का कागज तैयार करने के लिए दुनिया में 4 कम्पनीय ा हैं:-
1. फ्रांस की अर्जो विगिज
2. अमेरिका की पोर्टल
3. स्वीडन की गेन
4. जर्मनी की पेपर फैब्रिक्स ल्युसेंटल
बड़ी बात यह है कि इनमें से दो फोर्मो का 2010-11 में पाकिस्तान के साथ भी रूपए के कागज का अनुबंध हो चुका है जिसका भारत ने विरोध भी किया था, अर्थात नोट छापने के लिए जो कागज भारत लेता था वही कागज 2010 से पाकिस्तान भी ले रहा है, फलस्वरूप पाकिस्तान उस कागज के अधिकतम हिस्से का इस्तेमाल भारतीय रूपए(नकली नोट) छाप कर भारत मे भेजने का काम कर रहा है।
RBI के मुताबिक भारत में लगभग 16000 खरब डालर मूल्य के रुपए असली है, इंडियन इन्टेलिजेन्स एजेंसीज के मुताबिक पाकिस्तान 15000 खरब डालर का नकली भारतीय रूपया छाप कर भारत में सप्लाई करने के लिए तैयार बैठा हैं जो कि 0% Error हैं (पूरी तरह असली के समान, जिसे पहचान पाना असम्भव था)। अर्थात लगभग पूरे भारतीय रूपया के 98% नकली नोट भारतीय बाजार में आने को तैयार थे। अगर वे नोट बाजार में आ जाते तो अचानक मुद्रास्फीति लगभग दो गुनी बढ़ जाती, महंगाई दो गुनी बढ़ जाती।
इसीलिए मोदी जी ने आनन-फानन मे अब जर्मनी के एक प्रिंटिंग प्रेस से कागज लेने का अनुबंध किया| साथ ही ये भी अनुबंध किए कि ये कागज जर्मनी किसी अन्य को नहीं दे सकता, ताकि भविष्य में फिर कभी नकली नोट की समस्या भारत में न हो सके। ये कागज पहले वाले से बहुत हल्का और अधिक सुरक्षित हैं, ये पानी, धूप से खराब नही हो सकता।
आनन-फानन में उन्हें 500-1000 रूपए के नोट को बन्द करना पड़ा। बेशक जनता को 10 दिन विकट समस्या को झेलना पड़ रहा है लेकिन इसके फायदे को भी देखे...!
1- नकली नोट की समस्या भारत से हमेशा के लिए समाप्त।
2- ब्लेकमनी भी ना के बराबर हो जाएगा| (ब्लेक मनी का अर्थ है कि वो पैसा जो बाजार में नहीं दौड़ रहा और किसी की तिजोरी में भण्डारण हुआ था)।
3- कालाधन कमाने का रास्ता ब्लाक हो गया।
4- पहले से मौजूद कालाधन 65% से अधिक खराब हो जाएगा। (बचे 35% कालाधन नोट के शक्ल में नहीं है),
5- हवाला का धन्धा खत्म।
6- विदेशी बैंको मे जमा कालाधन बेकार हो जाएगा, कैशलेस इकाँनमी को मजबूती मिलेगी।
और भी बहुत प्रकार के फायदे धीरे-धीरे सामने आने वाले हैं। पीएम मोदी के इस साहसपूर्ण क़दम की पूरी दुनिया में भूरि-भूरि प्रशंशा हो रही है।
आइए, हम अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल भारत बनाने में महानायक का साथ दें। वन्देमातरम।
*इससे यह स्पष्ट हो गया है कि स्थिति बहुत भयंकर और असहनीय रूप ले चुकी है.....*
*एक अकेला व्यक्ति 125 करोड़ हिंदुस्तानियों के हिस्से का ज़हर "नीलकण्ठ" महादेव बनकर पी रहा है.*
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*एक अकेला व्यक्ति देश के अंदर मौजूद सारे राक्षसों के साथ-साथ अनगिनत विदेशी दुश्मनों (पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान की सेना, आईएस आई, दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, चीन) के निशाने पर है......*
*क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी अकेले आदमी ने इतने सारे दुश्मनों की एक साथ नींद हराम कर दी है...*
*ये अच्छाई और बुराई का महासंग्राम है, हमको तैयार रहना है और मोदी जी का साथ देना है, क्योंकि अगर इन सभी राक्षसों ने मोदीजी को अगर अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया तो फिर सदियों तक कोई दूसरा मोदी पैदा नहीं होगा.. नकली नोटो से थी भारत की अर्थ व्यवस्था को दहलाने की साजिश, रूपये का कागज तैयार करने के लिए दुनिया में 4 कम्पनीय ा हैं:-
1. फ्रांस की अर्जो विगिज
2. अमेरिका की पोर्टल
3. स्वीडन की गेन
4. जर्मनी की पेपर फैब्रिक्स ल्युसेंटल
बड़ी बात यह है कि इनमें से दो फोर्मो का 2010-11 में पाकिस्तान के साथ भी रूपए के कागज का अनुबंध हो चुका है जिसका भारत ने विरोध भी किया था, अर्थात नोट छापने के लिए जो कागज भारत लेता था वही कागज 2010 से पाकिस्तान भी ले रहा है, फलस्वरूप पाकिस्तान उस कागज के अधिकतम हिस्से का इस्तेमाल भारतीय रूपए(नकली नोट) छाप कर भारत मे भेजने का काम कर रहा है।
RBI के मुताबिक भारत में लगभग 16000 खरब डालर मूल्य के रुपए असली है, इंडियन इन्टेलिजेन्स एजेंसीज के मुताबिक पाकिस्तान 15000 खरब डालर का नकली भारतीय रूपया छाप कर भारत में सप्लाई करने के लिए तैयार बैठा हैं जो कि 0% Error हैं (पूरी तरह असली के समान, जिसे पहचान पाना असम्भव था)। अर्थात लगभग पूरे भारतीय रूपया के 98% नकली नोट भारतीय बाजार में आने को तैयार थे। अगर वे नोट बाजार में आ जाते तो अचानक मुद्रास्फीति लगभग दो गुनी बढ़ जाती, महंगाई दो गुनी बढ़ जाती।
इसीलिए मोदी जी ने आनन-फानन मे अब जर्मनी के एक प्रिंटिंग प्रेस से कागज लेने का अनुबंध किया| साथ ही ये भी अनुबंध किए कि ये कागज जर्मनी किसी अन्य को नहीं दे सकता, ताकि भविष्य में फिर कभी नकली नोट की समस्या भारत में न हो सके। ये कागज पहले वाले से बहुत हल्का और अधिक सुरक्षित हैं, ये पानी, धूप से खराब नही हो सकता।
आनन-फानन में उन्हें 500-1000 रूपए के नोट को बन्द करना पड़ा। बेशक जनता को 10 दिन विकट समस्या को झेलना पड़ रहा है लेकिन इसके फायदे को भी देखे...!
1- नकली नोट की समस्या भारत से हमेशा के लिए समाप्त।
2- ब्लेकमनी भी ना के बराबर हो जाएगा| (ब्लेक मनी का अर्थ है कि वो पैसा जो बाजार में नहीं दौड़ रहा और किसी की तिजोरी में भण्डारण हुआ था)।
3- कालाधन कमाने का रास्ता ब्लाक हो गया।
4- पहले से मौजूद कालाधन 65% से अधिक खराब हो जाएगा। (बचे 35% कालाधन नोट के शक्ल में नहीं है),
5- हवाला का धन्धा खत्म।
6- विदेशी बैंको मे जमा कालाधन बेकार हो जाएगा, कैशलेस इकाँनमी को मजबूती मिलेगी।
और भी बहुत प्रकार के फायदे धीरे-धीरे सामने आने वाले हैं। पीएम मोदी के इस साहसपूर्ण क़दम की पूरी दुनिया में भूरि-भूरि प्रशंशा हो रही है।
आइए, हम अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल भारत बनाने में महानायक का साथ दें। वन्देमातरम।