।। प्रेम शब्द हथनी ।।
*⛳杖दसनाम गोस्वामी समाज का गौरवशाली इतिहास ओम नमो नारायण जी ओम नमः शिवाय*
*杖प्रचलित करते हैं प्रमे गीरी बापू हथनी से*
*में तो एक पोस्ट मास्टर की भूमिका निभाई है गीरी बापू गुजरात से राजकोट*
*इस मैसेज को पुरे भारत वर्ष में भेजना जरुरी है*
*दशनाम गोस्वामी समाज की झलक*
*[ Dashnam Goswami Samaj at a glance] दशनामी गोस्वामी समाज कि जय जयकार हो*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों का मूल धर्म :- शैव धर्म -*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों के इष्टदेव :- भगवान शिव ।*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों का सम्प्रदाय :- शैव सम्प्रदाय ।*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों का पंथ :- दशनाम पंथ ।*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों का वर्ण :- शैव ब्राह्मण ।*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों से सम्बंधित सभ्यता :- सिंधु नदी घाटी सभ्यता ।*
*杖★ दशनाम गोस्वामियों के देवी - देवता :- भगवान शिव*
*杖आद्याशक्ति ( दुर्गा / पार्वती ) , कार्तिकेय , गणेश , हनुमान , दत्तात्रेय ।*
*杖★ समस्त दशनाम गोस्वामियों की कुलदेवी :- हिंगलाज माता ( अब पाकिस्तान में है )*
*★ वन और अरण्य की कुलदेवी :- विमला । तीर्थ और आश्रम की कुलदेवी :- भद्रकाली ।*
*गिरि , सागर और पर्वत की कुलदेवी :- पूर्णागिरि ( पुण्यागिरि )*
*सरस्वती , भारती और पुरी की कुलदेवी :- कामाक्षी ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के पूजास्थल :- मठ , शिवालय , हनुमान मंदिर ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के पर्व एवं त्योहार :- कुम्भ पर्व , शिवरात्रि , नवरात्रि , गणेश चतुर्थी , दत्तात्रेय जयंती , आदि शंकराचार्य जयंती, हनुमान जयंती ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के अखाड़े ( रेजिमेंट / बटालियन ) :- महानिर्वाणी , निरंजनी , जूना ( भैरव ) , अटल , आनंद , आवाहन , अग्नि ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों का दर्शन :- अद्वैतवाद , नियतिवाद , आत्मवाद , ब्रह्मवाद , कर्मवाद , आध्यात्मवाद , मोक्ष , परलोकवाद ।*
*★ दशनाम पंथ में अद्वैतवाद के प्रथम एकादश संन्यासी :- नारायण , ब्रह्मा , रूद्र , वशिष्ठ , शक्ति , पराशर , वेद व्यास , शुकदेव , गौड़पाद , गोविंदपाद , शंकरपाद ( अर्थात आदि शंकराचार्य )*
*★शंकराचार्य परम्परा में पहले दस शैव संन्यासी :- वशिष्ठ वन , शम्भू अरण्य , गौतम तीर्थ , अनंत आश्रम , नारायण गिरि , पूर्ण पर्वत , राम सागर , परमानंद सरस्वती , हस्तामलक भारती , नित्यानंद पुरी।*
*★ दस पदनाम ( उपनाम / पदवियाँ / उपाधियाँ ) :- वन , अरण्य , तीर्थ , आश्रम , गिरि , पर्वत , सागर , सरस्वती , भारती , पुरी ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के इतिहास पुरुष :- आदि शंकराचार्य , आदि शंकराचार्य परम्परा के आचार्य , राजा अनूप गिरि ( अर्थात राजा हिम्मत बहादुर गोसाईं - ईसा की अठारहवीं शताब्दी ) , स्वामी रामतीर्थ , स्वामी युक्तेश्वर गिरि , स्वामी योगानंद गिरि , स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि , स्वामी अवधेशानंद गिरि , स्वामी नरेन्द्र गिरि ( अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ) , स्वामी हरि गिरि ( जूना अखाड़े के महासचिव ) इत्यादि ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के राजनेता :- भूतपूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री वी.वी. गिरि , स्व. श्री दिनेश गोस्वामी ( जनता पार्टी के शासन के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री ) , श्री प्रफुल्ल कुमार महंत ( असम के पूर्व मुख्यमंत्री ) , स्व. श्री आनंद देव गिरि ( चन्दशेखर सरकार में सोलीसिटर जनरल ऑफ इंडिया ) , स्व. श्री राधा कृष्ण गोस्वामी ( उत्तर प्रदेश सरकार में गृह एवं बिजली मंत्री ) , डॉ. तुलसी गिरि ( नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ) , श्री अरविंद गिरि ( उत्तर प्रदेश में एकमात्र दशनाम विधायक गोलागोकर्णनाथ , लखीमपुर - खीरी ) । हरिद्वार से भूतपूर्व विधायक स्व. श्री घनश्याम गिरि । श्री दुलाल चंद्र गोस्वामी ( बिहार में कटिहार से जेडीयू सांसद ) । टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश ) से बीजेपी विधायक श्री राकेश कुमार गिरि । हिमाचल प्रदेश से राज्य सभा में बीजेपी सांसद श्रीमती इंदु गोस्वामी ।*
*★विभिन्न क्षेत्रों में गोस्वामी :- फिल्म अभिनेता-निर्माता- निर्देशक श्री मनोज कुमार ( असली नाम - हरि किशन गिरि गोस्वामी ) , क्रिकेट खेलबाला झूलन गोस्वामी , श्री सुभाष गोस्वामी ( सेवा निवृत्त महानिदेशक , भारत तिब्बत सीमा पुलिस ) , मेजर जनरल श्री सुनील पुरी ( उदयपुर /चित्तौड़गढ़ )*
*⛳( प्रेम गिरी गोस्वामी हथनी गोपेश्वर महादेव हथनी राजस्थान उदयपुर गोगुंदा मेवाड़)*
*★ दशनाम गोस्वामियों की जनसंख्या :- अनुमानित: दो से तीन करोड़ । कुछ लोग सात करोड़ भी बताते हैं लेकिन किसी के भी पास प्रामाणिक आंकड़े नहीं हैं ।*
*★ नेपाल में दशनाम गोस्वामियों की जनसंख्या :- नेपाल की कुल जनसंख्या तीन करोड़ में है जिसमें से लगभग तीन लाख दशनाम गोस्वामी हैं अर्थात कुल जनसंख्या का एक प्रतिशत।*
*★ दशनाम गोस्वामी भारत में कहां- कहां ? -- पूरे भारत में सब जगह जहां - जहां मठ और शिवालय हैं । दिल्ली , हरियाणा , राजस्थान , गुजरात , महाराष्ट्र , मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ , बिहार , उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड में अधिकता हैं।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के अन्य नाम :- गोसाईं , गुसाईं , गोपति , रूद्रज , संन्यासी , यति , शिरोरन्ध्रा , शिरोजन्मा , दारबिहारी , अतिथि , गोपालक , बाबा , महाराज , महंत , गोशर्यु , गोशर्य , गोसावी ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के काम - धंधे :- मठों एवं शिवालयों पर पुजारी या महंत बनना , शिव कथा - कीर्तन करना , उपदेश देना , धर्म का प्रचार- प्रसार करना । नौकरी, खेतीबाड़ी और व्यापार भी ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों का पारस्परिक अभिवादन :- ओइ्म नमो नारायण ( संस्कृत में - ओइ्म नमः नारायणाय )*
*★ दशनाम गोस्वामियों का जयघोष या धर्मघोष या युद्धघोष :- हर हर महादेव । दशनाम गोस्वामियों का बीज मंत्र " नमो शिवाय ।"*
*★ दशनाम गोस्वामियों की मढ़ियां ( कुलगोत्र / पीठें / उपमठ ) :- गिरि की 28 मढ़ियां (लामा मढ़ी सहित ) , पुरी की 16, वन की 4 , भारती की 4 मढ़ियां = कुल 52 मढ़ियां ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों का तिलक :- शैव त्रिपुण्ड ( माथे पर तीन क्षितिजाकार रेखाएं )*
*★ दशनाम गोस्वामियों की अंत्येष्टि क्रिया :- विरक्तों के लिए समाधि , गृहस्थों के लिए दाहकर्म । कई प्रदेशों में गृहस्थों को भी समाधि देते हैं।*
*★ दशनाम गोस्वामियों के दो बड़े भेद :- विरक्त गोस्वामी तथा गृहस्थ गोस्वामी । विरक्त गोस्वामी शाखा अर्थात धार्मिक मिलिट्री शाखा । गृहस्थ गोस्वामी शाखा अर्थात धार्मिक सिविलियन शाखा ।*
*★ दशनाम गोस्वामियों की पहचान :- ललाट पर शैव त्रिपुण्ड , गले में रूद्राक्षों की माला , मृतक के लिए समाधि , विरक्त के लिए भगवा वस्त्र , गृहस्थ के लिए कोई भी एक अंग वस्त्र हो सकता है जैसे -- टोपी , पगड़ी , अंगोछा , तौलिया , चादर इत्यादि । नाम के साथ दस उपनामों ( वन , अरण्य , तीर्थ , आश्रम , गिरि , पर्वत , सागर , सरस्वती , भारती , पुरी ) से कोई एक लगाना ।*
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*★ दशनाम गोस्वामियों का समाज में स्थान :- आध्यात्मिक और धार्मिक रूप में ब्राह्मणों से भी उच्च स्थान लेकिन शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े।*
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