जिहादी पहले हिंदुओं की जमीन खरीदता है फिर उनकी जोरू कब्जाता है और फिर जर (संपत्ति) हड़प लेता है
-जर जोरू और जमीन.... पुरखों की कहावत है कि दुनिया में सारा झगड़ा इन्हीं तीन चीजों के लिए होता है... बड़े बड़े पुलिस अधिकारी... सीबीआई भी क्राइम की किसी भी घटना का अंदाजा इसी एंगल से निकालने की कोशिश करते हैं कि मामला या तो जर का है या जोरू का या फिर जमीन का
-लेकिन हमारे देश के अधिकांश स्वार्थी हिंदू लाख समझाने के बाद भी अपनी जमीन मुसलमानों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं... मैंने ऐसे बहुत से कमीने स्वार्थी हिंदुओं को देखा है जो अपनी जमीन जो किसी हिंदू बहुल इलाके में होती है उसे मुसलमानों को बेचते हैं । जब वो जमीन बेचना शुरू करते हैं तो सबसे पहले आसपास के हिंदू ही उससे ये प्रार्थना करते हैं कि भाई ये जमीन हमें दे दो हम खरीद लेंके.... मान लो रेट 5 लाख है तो वो हिंदू कहते हैं हम तुमको 6 लाख देंगे लेकिन ये कमीने हिंदू अपनी खीस निपोरते हैं और जाकर किसी मियां को बताते है कि ये फलानी जमीन के हमको 6 लाख मिल रहे हैं तो वो मुसलमान उसी जमीन के 12 लाख देकर हिंदू बहुल इलाके में जमीन खरीद लेता है
-ऐसे हरामखोर हिंदू अगर मेरे हत्थे चढ़ें तो मैं जिंदा इनकी खाल उतरवा लूं... .मतलब खाल अंगूठे से उतरवाऊं ताकी वो मरदूत अपनी जिंदा आंखों से अपनी खाल उधड़ती हुई देखे.... ऐसे कमीने हिंदुओं को ये नहीं पता कि उन्होंने एक हिंदू बहुल इलाके में पाकिस्तान बनाने की नींव रख दी है... इसके बाद वो मुसलमान जो जमीन हासिल कर लेता है... फिर जब वो वहां पर घर बनाता है तो आसपास की हिंदू जोरुओं को ताड़ना शुरू करता है... इस तरह जमीन के बाद जोरू का नंबर आता है... लव जिहाद जैसी घटनाएं होती हैं... इसके लिए जिम्मेदार वही हरामखोर हिंदू है ।
-ऐसा मुसलमान बहुत दूरदर्शी होती है वो जानता है कि अभी ये जमीन बहुत ऊंचे दामों में खरीदी है लेकिन बाद में इसके आसपास के हिंदू सस्ते दामों पर अपनी जमीनें बेचकर चले जाएंगे । तो कई गुना मुनाफा होगा । फिर ऐसा मुसलमान हिंदू मोहल्ले में नमाज पढवाता है... दंगे करवाता है... हिंदू बेटियों से छेड़खानी वगैरह करवाता है... धीरे धीरे इलाके के हिंदू अपनी जमीनें औने पौनें दाम में बेचकर भागने लगते हैं इस तरह एक इलाके का पाकिस्तानीकरण हो जाता है और इसका जिम्मेदार वही हरामखोर और कमीना हिंदू होता है जो अपने निजी स्वार्थ के लिए हिंदुओं से गद्दारी करता है
-आज तक मैंने ऐसा एक भी मुसलमान नहीं देखा जिसने अपनी जमीन हिंदू को बेची हो लेकिन हिंदू जानबूझकर ही अपनी जमीनें मुसलमानों के बेचते हैं.... मैंने ऐसे बहुत से हिंदुओं को देखा है जिन्होंने अपनी जमीनें मुसलमानों को लालच में बेची और फिर उनकी मौत सड़ सड़कर हुई है । किसी किसी का तो पूरा परिवार बर्बाद होते मरते देखा है लेकिन फिर भी हिंदुओं को सबक नहीं मिलता है
-कश्मीर में हमने इस चीज को देखा कि कैसे वहां पर मुसलमान मस्जिदों से ऐलान करते हैं कि कश्मीरी हिंदू अपनी जमीन जोरू और जर छोड़कर चले जाएं.... यही जिहादियों का एकमेव मकसद होता है.... लेकिन ये बहुत दुख की बात है कि हिंदू आज भी इन बातों को समझ नहीं पा रहे हैं
-अगर कहीं ये बताया जाए कि फलानी जगह फलानी चीज सस्ती मिलती है तो हिंदू फौरन झोला उठाकर वहां चल देगा लेकिन अगर उसे देशप्रेम की और काम की बात समझी जाए तो उसे बिलकुल समझ में ही नहीं आती है
धिक्कर है ऐसे स्वार्थी हिंदुओं को