Modiji ki emandari

"मोदी जी" हम आप से बहुत "शर्मिंदा" हैं क्योंकि आप की "भतीजी" यानि आपके छोटे भाई "प्रह्लाद मोदी" जी की बेटी का "41 वर्ष" की उम्र में "दिल की बीमारी" से निधन हो गया वो अपनी "जीविका" चलाने के लिए "कपडे सिलने" का काम करती थी

"मोदी जी" आप को "शर्म" आनी चाहिए कि आपने "अपने परिवार" और अपने भाइयों को अपनी "कैबिनेट" में या "राजनीति" में लाने का ज़रा भी "प्रयास नहीं किया" आप को इस बात के लिए भी "शर्म" आनी चाहिए कि आप के "भाई" साधारण नागरिक का जीवन जी रहे हैं और आप की "भतीजी गरीबी" में "मर गई"

"मोदी जी" आप को "शासन चलाने" की कला "मुलायम सिंह" से "सीखनी" चाहिए जहा "सैफई" के उसके परिवार के करीब "36 सदस्य" आज "उत्तर प्रदेश" में "ब्लाक प्रमुख" के पदों पर सुशोभित हैं वही "मुलायम सिंह" जिन्हें "दो वक़्त की रोटी" भी मुश्किल से नसीब होती थी आज "करोडपति" ही नहीं "अरबपति" हैं

"30 वर्ष" पहले "बहन मायावती" (BMW) का "पूरा परिवार" दिल्ली में "एक कमरे" में रहा करता था आज "मायावती के भाई" का "बंगला" सुन्दरता में "ताज महल" को भी "मात" दे रहा है

"देवगोडा" अपने "पोते" को "100 करोड़" की "बहु भाषाई फिल्म" में बतौर "सुपर हीरो" उतार रहे हैं "कर्नाटक" के "हासन जिले" में "आधी से ज्यादा" खेती की ज़मीन "देवगोडा परिवार" की है

"कर्नाटक" के मुख्यमंत्री "सिद्धारमैया" का "बेटा" जो  "सरकारी अस्पताल" में "मुख्य चिकित्सक" है और "छोटा पुत्र" जिसका अभी हाल में "निधन" हुआ है, उसका "ब्रुसेल्स" में बड़ा कारोबार है और उसके बच्चे "जर्मनी" में "पढ़" रहे हैं

"सोनिया का दामाद" जो कि "मुरादाबाद" में "पुराने पीतल" के आइटम "बेचा" करता था, आज "पांच सितारा होटल" का "मालिक" है, उसका "शिमला" में एक "महल" है और "लक्ज़री कारों" का "मालिक" है जबकि "आप की माँ" आज भी "ऑटोरिक्शा" में चलती है और आप के "भाई ब्लू कालर जॉब" यानि मेंहनत "मजदूरी" कर रहे हैं और आप की एक "भतीजी" शिक्षामित्र है (आप उसे टीचर की नौकरी भी नहीं दिलवा पाए ) जो कि दूसरो के "कपडे सिलती" है तथा "ट्यूशन पढ़ा" कर अपनी "जीविका" चला रही है

"मोदी जी" देश बहुत "शर्मिंदा" है कि आप "प्रधानमंत्री" होते हुए भी अपने "भाइयों" को "MLA या MP" का "टिकट नहीं दिलवा पाए" आप "चाहते" तो अपनी "बहनों" को "राज्य सभा" में "MP" बनवा सकते थे और आप के "जीजा", "जिला स्तर" के "चुनाव लड़" कर "ब्लाक प्रमुख" तो बन ही सकते थे आप "सीखने" में बहुत "सुस्त" हैं "15 वर्ष" तक "गुजरात" में और "प्रधानमंत्री" का "आधा कार्यकाल", "दिल्ली" में बिताने के बाद भी आप "लालू, मुलायम, सोनिया गाँधी, बहन मायावती" से कुछ भी "नहीं सीखे" और अपनी "रसोई का खर्च" भी "खुद वहन" कर रहे हैं

उपरोक्त बातो से हमे "शर्मिंदा" तो होना पड़ा लेकिन उतना ही "गर्व" भी है कि हमने अपने जीवन का "पहला वोट" , "2014" में एक बहुत ही "ईमानदार और देशभक्त इंसान" को वोट दिया "हम सभी गर्व" करते है की हमे अपने जीवन में आप जैसे देशभक्त का मार्गदर्शन मिला सच में "ईमानदारी और कर्तब्यनिष्ठा" की "पराकाष्ठा" है आप🙏🏽🙏🏽

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